Women of Sandeshkhali celebrated Holi: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली द्वीप की महिलाओं ने एक ऐसी होली मनाई, जिसे शायद ही कोई भूल पाएगा। रंगों की खुमारी और मीठे पकवानों से दूर, यह होली थी जश्न मनाने की नहीं, बल्कि राहत की सांस लेने और इंसाफ की उम्मीद जगाने की।
5 जनवरी की वो भयानक रात
5 जनवरी 2024 की रात संदेशखाली में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। एक झगड़े में कई लोग घायल हो गए, और कुछ महिलाओं के साथ कथित रूप से यौन उत्पीड़न जैसी खौफनाक हरकतें भी की गईं। इस घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया।
महिलाओं का अडिग संघर्ष
इस जघन्य अपराध के बाद, संदेशखाली की महिलाओं ने चुप रहने का रास्ता नहीं चुना। उन्होंने एकजुट होकर इंसाफ की मांग की। 55 दिनों तक वह लगातार विरोध प्रदर्शन करती रहीं। उनकी आवाज बुलंद होती रही, और उनका हौसला कभी कम नहीं हुआ।
गिरफ्तारी और जश्न का माहौल
29 फरवरी 2024 को आखिरकार उनके संघर्ष को सफलता मिली। मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया गया। इस खबर से पूरे इलाके में खुशी की लहर दौड़ गई। महिलाओं ने जश्न मनाने का फैसला किया, लेकिन यह जश्न रंगों से नहीं, बल्कि उम्मीद के दीप जलाकर मनाया गया। उन्होंने एक अनोखी होली खेली, जो उनकी हिम्मत और एकजुटता की जीत का प्रतीक थी।
अधूरी है अभी भी इंसाफ की लड़ाई
हालांकि, महिलाओं का कहना है कि उनकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक जीत की शुरुआत है। वह चाहती हैं कि सभी आरोपियों को सजा मिले और पीड़ितों को उचित मुआवजा दिया जाए। उनका संदेश बिल्कुल साफ है – “हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक हर पीड़ित को इंसाफ नहीं मिल जाता।”
संदेशखाली की महिलाओं की ये अनोखी होली न सिर्फ उनके साहस और संघर्ष की कहानी कहती है, बल्कि ये उन सभी के लिए एक मिसाल है जो इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं। यह हमें यह विश्वास दिलाती है कि अगर हम हार ना मानें तो जीत निश्चित है, चाहे वो रास्ता कितना भी कठिन क्यों न हो।